इंस्पिरेशन / नौकरी छोड़कर ऑनलाइन बेचने लगे थे किताबें, सफलता मिली तो जोड़ते चले गए नए प्रोडक्ट्स

एजुकेशन डेस्क. हाल ही में अपना 56वां जन्मदिन मनाने वाले जेफ बेज़ोस पिछले दिनों भारत पर थे। जेफ की सोच उन्हें आज इस मुकाम पर लेकर आई है कि आज के दौर में उनका नाम दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शामिल है। वे आज अरबों-खरबों के मालिक हैं, लेकिन इस दौलत तक का उनका सफर आसान नहीं रहा। 


बचपन में ही छोड़ कर चले गए पिता
जेफ बेज़ोस का जन्म 12 जनवरी 1964 को अमेरिका के न्यू मेक्सिको में हुआ था। जब वे पैदा हुए तब उनकी मां जैकलिन हाईस्कूल में पढ़ाई कर रही थीं और उनकी उम्र केवल 17 साल थी। उनके पिता का नाम टेड जॉरगेन्सेन था। वे बाइक की दुकान के मालिक थे। जेफ केवल 18 महीने के थे जब उनके पिता उन्हें और उनकी मां को छोड़कर चले गए थे। जेफ जब चार साल के हुए तो उनकी मां ने मिगवेल बेज़ोस से शादी कर ली। इसके बाद जेफ अपना सरनेम 'बेज़ोस' लिखने लगे थे और उनका परिवार ह्यूस्टन रहने चला गया। 


शुरू से था नई चीजों को जानने का शौक
जेफ को शुरू से ही नई चीजों को जानने का शौक था। वे अपने खिलौनों के कलपुर्जे अलग कर देते थे और फिर जोड़ते थे। जेफ ने रिवर ओक्स एलिमेंट्री स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई की। वे छुट्‌टियां अपने नाना के घर बिताया करते थे। उन्होंने शुरू से ही खुद को टेक्नोलॉजी की दुनिया में साबित किया था। बचपन में अपने भाई-बहन की सुरक्षा के लिए उन्होंने एक इलेक्ट्रिक अलार्म भी बनाया था। आगे चलकर उनका परिवार मियामी चला गया। यहां जेफ ने पॉलमेटो हाईस्कूल में पढ़ाई शुरू की। यहां उन्हें साइंस ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लेने का अवसर मिला। उन्हें 1982 में सिल्वर नाइट अवॉर्ड से भी नवाजा गया था। 


नौकरी छोड़ शुरू किया बिजनेस
1986 में ग्रैजुएट होने के बाद कंप्यूटर साइंस के क्षेत्र में ही वॉल स्ट्रीट में काम किया। इसके बाद उन्होंने 'फेटल' नाम की कंपनी में भी काम किया। कई और कंपनियों में काम करने के बाद उन्होंने सोचा कि वे दूसरों के लिए कब तक काम करेंगे? और खुद का व्यवसाय शुरू करने का मन बना लिया था। उन्होंने अमेरिका के कई शहरों की यात्रा की और लोगों को क्या चाहिए, यह जानने की कोशिश की। उन्हें सर्वे में पता चला कि इंटरनेट की मांग तेजी से बढ़ रही है। यदि इसी क्षेत्र में व्यवसाय शुरू किया जाए तो सफलता मिलना तय है। 
1994 में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और घर के गैराज में ऑनलाइन व्यवसाय की तरफ अपना पहला कदम रखा और उन्होंने तीन कंप्यूटर और कुछ कर्मचारियों के साथ कंपनी की शुरुआत की।


'रिलेंटलेसडॉटकॉम' से बदलकर किया 'अमेज़ॉन'
जेफ ने अपनी कंपनी का नाम 'कैडेब्रा' रखा। फिर कुछ महीनों में उसे बदलकर 'रिलेंटलेसडॉटकॉम' कर दिया। लेकिन यह नाम भी उनके दोस्तों को पसंद नहीं आया। 1995 में अंतत: उन्होंने अपनी कंपनी का नाम बदलकर 'अमेजॉन' रख लिया जो अमेरिका की एक नदी पर आधारित था। बिजनेस शुरू करने के सिर्फ दो महीनों में ही अमेज़ॉन ने 45 से अधिक किताबें बेच दी थीं। कुछ ही समय में उनकी हर हफ्ते की बिक्री करीब 20 हजार अमेरिकन डॉलर्स हो गई थी। बस यहीं से जेफ और उनकी कंपनी 'अमेजॉन' ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आगे चलकर 'अमेज़ॉन' पर अनगिनत सामान की लिस्टिंग की गई। इसके बाद 'अमेजॉन' बन गई दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन शॉपिंग साइट।
 


इनके जीवन से मिली ये सीख



  • 'परफेक्ट लाइफ' जैसी कोई चीज़ नहीं होती है।

  • केंद्र में हमेशा ग्राहक होना चाहिए।

  • अपने विज़न को लेकर हमें जरूरत से ज्यादा ज़िद्दी होना चाहिए।

  • भविष्यवाणी से ज्यादा आसान है आविष्कार करना।


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